मध्य प्रदेश में महिला बाइकिंग टूर “Queens on the Wheel” 2.0 का उद्घाटन

ग्वालियर।देशभर की 25 महिला बाइक राइडर्स 1400 किमी का सफर तय कर मध्य प्रदेश की समृद्ध हैरिटेज ट्रेल का प्रचार करेंगी। यह साहसिक आयोजन, मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा अनुबंधित संस्था सीएससी ऑलराउंडर, नागपुर के माध्यम से, प्रदेश में साहसिक पर्यटन के विकास, वन्यजीवन, प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों, कला-संस्कृति एवं विरासत के राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार हेतु आयोजित किया जा रहा है।

मुख्य विशेषताएँ:

- मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की अग्रणी भूमिका:
  प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग एवं प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड, श्री शिव शेखर शुक्ला, दिनांक 04 मार्च 2025 को प्रातः 9:30 बजे MPT Hotel Wind & Waves, भोपाल से राइडर्स को फ्लैग-ऑफ करेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश को महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के प्रयास में म.प्र. पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान उजागर होता है।

- ग्वालियर – विरासत और सांस्कृतिक धरोहर का हब:
  महिला बाइकिंग टूर के दौरान ग्वालियर को विशेष आकर्षण के रूप में चुना गया है। दिनांक 05 एवं 06 मार्च को ग्वालियर में राइडर्स जयविलास पैलेस का भ्रमण करेंगी और शहर की समृद्ध विरासत का अनुभव करने के लिए हैरिटेज वॉक का आयोजन किया जाएगा। ग्वालियर के ऐतिहासिक परिदृश्य एवं सांस्कृतिक महत्व को उजागर करते हुए, यह आयोजन प्रदेश की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

कार्यक्रम की रूपरेखा (Tentative Plan):
  - शाम को किट वितरण (Hotel La Pearl)

- Day 1 – भोपाल से चंदेरी (210 Km):  
  - मिंटो हॉल से फ्लैग-ऑफ  
  - परानपुर हैंडलूम विलेज का भ्रमण  
  (रात का ठहराव: Tana Bana & Kila Kothi)

- Day 2 – चंदेरी से ग्वालियर (212 Km):
  - जयविलास पैलेस का भ्रमण  
  - ग्वालियर में हैरिटेज वॉक  
 (रात का ठहराव: MPT Tansen Residency)

- Day 3 – ग्वालियर से मितावली ,बटेश्वर –ककनमट
  (रात का ठहराव: MPT Tansen Residency)

- Day 4 – ग्वालियर से ओरछा (121 Km):
  यह आयोजन न केवल मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक विरासत का प्रचार-प्रसार करेगा, बल्कि महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन परियोजना के तहत प्रदेश में विशेष प्रयासों को भी उजागर करेगा। म.प्र. पर्यटन बोर्ड की अग्रणी भूमिका एवं ग्वालियर के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, यह टूर राज्य की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगा।