पूजा जयेश
भोपाल।राजधानी में राज्य शिखर सम्मान का आयोजन किया गया. इस अलंकरण समारोह की मुख्य अतिथि संस्कृति विभाग की मंत्री डॉक्टर विजयलक्ष्मी साधो रहीं. उन्होंने साहित्यकार और कलाकारों का सम्मान किया. ये सम्मान साल 2016, 2017 और 2018 के लिए दिए गए.
इस मौके पर राहत इंदौरी ने पिछली सरकारों पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकारी सम्मान को मुझ तक आते-आते 70 साल लग गए. मैं अपने आपको सम्मानित महसूस कर रहा हूं, उन लोगों के साथ मुझे भी शुमार किया, जो पहले से सम्मानित और महान हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकारें मुझे कभी भी पसंद नहीं करती हैं.
उन्होंने कमलनाथ सरकार की तारीफ करने से पहले एक शायरी पढ़ी और कहा कि,
'एक हुकूमत है, जो इनाम भी दे सकती है. एक कलंदर है, जो इंकार भी कर सकता है.'
इस शायरी के बाद उन्होंने सम्मान देने को लेकर कमलनाथ सरकार की तारीफ की और कहा कि इस बार सरकार की नियत देखी. सरकार की नियत बिल्कुल सही है, इसलिए मैंने ये सम्मान कबूल किया.
"इनका हुआ सम्मान"
इस अलंकरण समारोह में शास्त्रीय नृत्य के लिए विभा दाधीच, डॉक्टर सुचित्रा हरमलकर, डॉक्टर लता सिंह मुंशी, हिंदी साहित्य के लिए स्वयं प्रकाश, नरेंद्र जैन, शशांक, उर्दू साहित्य के लिए डॉक्टर मुजफ्फर हनफी, डॉक्टर राहत इंदौरी, प्रोफेसर सादिक अली, संस्कृत साहित्य के लिए डॉक्टर राधावल्लभ त्रिपाठी, प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी, डॉक्टर कृष्णकांत चतुर्वेदी, शास्त्रीय संगीत के लिए पंडित सिद्धराम स्वामी कोरवार, पंडित किरण देशपांडे, पंडित विजय घाटे, रूपंकर कलाएं के लिए आर सी भावसार, निर्मला शर्मा, सीमा घुरैया, नाटक के लिए पापिया दासगुप्ता, लोकेंद्र त्रिवेदी, कन्हैयालाल कैथवास, आदिवासी लोक कलाओं के लिए ललताराम मरावी, लक्ष्मी त्रिपाठी, लाडो बाई और दुर्लभ वाद्य वादन के लिए मैहर वाद्य वृन्द, सुविर मिश्र, संजय पंत आगले को सम्मानित किया गया.