सामाजिक,आर्थिक और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान जरूरी- प्रो.अविनाश तिवारी

ग्वालियर। जेयू के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा इमर्जिंग ट्रेंड्स इन मटेरियल केमिस्ट्री एण्ड़ एलुमनाई मीट पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ हुआ।

कांफ्रेंस के शुभारंभ के दौरान जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अविनाश तिवारी ने कहा कि  सामाजिक,आर्थिक और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान महत्वपूर्ण हैं।भारत की सुरक्षा और समग्र विकास के लिए रणनीतिक और उभरते महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्पन्न करने के लिए बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान की पहचान,समर्थन और बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं। सामान्य रूप से भारत में अनुसंधान अंतराल और विशेष रूप से मध्य प्रदेश, बहु-अनुशासनात्मक टीमों, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संस्थान- उद्योग के माध्यम से उच्च सक्षम और समर्पित संकाय द्वारा खोजा जा सकता है।हमारी सभ्यता के प्रारंभ से ही सामग्री बहुत महत्वपूर्ण है।वर्तमान दिनों में इसका अत्यधिक महत्व हो गया है और यह नैनो युग,इंजीनियरिंग युग और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)और एसीटी के साथ ज्ञान युग में बहुत अधिक परिलक्षित होता है। मुझे विश्वास है कि इन दो दिनों में विचार विमर्श से शोधार्थियों को प्रोत्साहन मिलेगा। जेयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि डीआरडीई के निदेशक डॉ.एम.परिड़ा रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में आईआईटी रुड़की से फॉर्मर हैड डिपार्टमेंट ऑफ मेटालर्जिकल एवं मटेरियल इंजीनियरिंग प्रो.अंजन सिल, कुलसचिव जीवाजी विश्वविद्यालय डॉ.आरके बघेल उपस्थित रहे।सभी अतिथियों के सामूहिक द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।तत्पश्चात छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना का गायन किया गया। इसके बाद योगा की छात्राओं ने स्वागत भाषण दिया।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो.अंजन सिल ने अपनी बात रखी। कुलसचिव आरके बघेल ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह सम्मेलन शोधकर्ताओं के लिए बहुत ही अच्छा मंच होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डीआरडीई ग्वालियर के निदेशक डॉ.एम परिड़ा ने कहा कि सम्मेलन का काम शिक्षाविदों,संकाय सदस्यों और युवा शोधकर्ताओं के लिए एक मंच प्रदान करना है,साथ ही साथ देश भर के निजी शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को एक साथ मिलने का मौका प्रदान करता है।इसका उद्देश्य युवा शोध छात्रों के मन में रुचि जगाना भी है ताकि वे शोध को अपने करियर के रूप में आगे बढ़ा सकें यह अनुसंधान के दायरे को व्यापक करने और संकाय सदस्यों के बीच अंतःविषय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भी अपेक्षित है।दिन- प्रतिदिन,जैसा कि नई तकनीकों और नई चुनौतियों का तेजी से विकास हो रहा है,विभिन्न शोध नमूनों के संश्लेषणक,अनुकूलन और विशेषता तकनीकों के बारे में,यह अकादमिक क्षेत्र के साथ-साथ अनुसंधान और उद्योग क्षेत्र के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है कि वे खुद को खोज में अप-टू-डेट रखें। कार्यक्रम में सभी अतिथियों को शॉल श्रीफल से सम्मानित किया गया।तत्पश्चात स्मारिका सह सार का विमोचन किया गया।कार्यक्रम में चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें 22 शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ.एसके गुप्ता ने किया।डॉ.एसके श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।इस अवसर पर प्रो.राधा तोमर, प्रो.जेएन गौतम,प्रो.आईके पात्रो,प्रो.डी कुमार,प्रो.एसके द्विवेदी, डॉ.केशव सिंह गुर्जर,प्रो.जीबीकेएस प्रसाद,प्रो.नलिनी श्रीवास्तव, प्रो.एसएन महापात्रा,डॉ.हरेंद्र शर्मा, डॉ.शांतिदेव सिसौदिया,डॉ.स्वर्णा परमार,डॉ.निमिषा जादौन,प्रो.एमके गुप्ता,डॉ.साधना श्रीवास्तव सहित ख्यातिप्राप्त विद्वान व शोधार्थी उपस्थित रहे।