सीसे ( लैड- पीबी) की कम विषाक्तता के साथ पेरोव्स्काइट स्व-संचालित ब्रॉडबैंड फोटोडिटेक्टर स्थायी ऊर्जा के उत्पादन में सहायक बन सकता है

चित्र 1. (उच्च विषाक्त सामग्री (एचटीएममुक्तकार्बन कैथोड आधारित पेरोव्स्काइट फोटोडिटेक्टर का योजनाबद्ध आरेख और (बीनिर्मित फोटोडिटेक्टर का चित्र

दिल्ली।भारतीय वैज्ञानिकों ने मैग्नीशियम द्वारा सीसे के आंशिक प्रतिस्थापन के साथ स्वदेशी रूप से एक ऐसा  कार्बनिक-अकार्बनिक हैलाइड पेरोव्स्काइट स्व-संचालित ब्रॉडबैंड फोटोडिटेक्टर विकसित किया है जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोगी हो सकता है।

कार्बनिक-अकार्बनिक हैलाइड पेरोव्स्काइट (मिथाइल अमोनियम लेड आयोडाइडएमएपीबीएल-MAPbI3) ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक ऐसे अनुसंधान में अग्रणी रहा हैजो सौर कोशिकाओंएलईडी और फोटोडिटेक्टरों में संभावनाएं  दिखा रहा है। यद्यपि मिश्रित (हाइब्रिडपेरोव्स्काइट जहरीले सीसे (लैडपीबी2+ -Pb2+) की उपस्थिति के कारण एक ऐसी महत्वपूर्ण जटिलता  से ग्रस्त हैजो स्वास्थ्य और पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों के लिए जानी  जाती है।

एक महत्वपूर्ण अध्ययन मेंविज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटीके एक स्वायत्त संस्थानइंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई)हैदराबाद के शोधकर्ताओं की टीम  ने विषाक्त सीसा (लैडप्लम्बमपीबी)  युक्त पदार्थों को बदलने के लिए एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प पेश करके इन चुनौतियों का समाधान किया है।  इस    टीम ने सीसे (पीबी)  के विकल्प के रूप मेंएक क्षारीय पृथ्वी तत्व धातु  मैग्नीशियम (एमजीकी ओर रुख कियाजो अपनी गैर-विषैली प्रकृति और प्रचुरता के लिए जानी जाती है।

उन्होंने एक-चरणीय प्रति-विलायक (एंटी-सॉल्वें)ट दृष्टिकोण का उपयोग करके एमएपीबीएक्सएमजी1-एक्ससीएल 2एल (MAPbxMg1-xCl2I पेरोव्स्काइट को संश्लेषित किया। उन्होंने एमजी 2+ (Mg2+) स्टोइकोमेट्री को सावधानीपूर्वक ट्यून किया और उसके बाद वांछित विशेषताओं  के साथ टेट्रागोनल पेरोव्स्काइट चरण प्राप्त किया। उन्होंने पारंपरिक वास्तुविन्यास  (आर्किटेक्चरएफटीओटीआईओ2पेरोव्स्काइट एचटीएल(स्वर्णगोल्ड)जिसमें महँगी  स्वर्ण (गोल्डधातु निर्मित कैथोड होता हैके विपरीतएक सरलीकृत वास्तुविन्यास (आर्किटेक्चरएफटीओटीआईओपेरोव्स्काइट कार्बन  में फोटोडिटेक्टर का निर्माण किया। और यह प्रयास यह एक आर्थिक और मजबूत विन्यास की ओर ले जाता है।

 


अनुकूलित एमएपीबी0.5एमजी0.5सीएल2एल (MAPb0.5Mg0.5Cl2I) पेरोव्स्काइट ने 153.74 मिलीएम्पियर वाट (एमए/डब्ल्यू उत्कृष्ट प्रतिक्रियाशीलता6.5 x 1010 जोन्स की उच्च पहचान क्षमता और शून्य पूर्वाग्रह पर 411 एमएस (मिलीसेकंड) /50 एमएस का  तीव्र  प्रतिक्रिया पुनर्प्राप्ति समय प्रदान किया जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।

 

चित्र 2पीबी एमजी आधारित पेरोव्स्काइट फोटोडिटेक्टर के विभिन्न अनुपात का पता लगानातत्सम्बन्धित प्रतिक्रिया

यह नवोन्मेषी शोध पेरोव्स्काइट ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विषाक्त पीबी2के प्रतिस्थापन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है। एमएपीबीओ5एमजीओसीएल2एल -आधारित फोटोडिटेक्टरों का सफल प्रदर्शन न केवल मैग्नीशियम प्रतिस्थापन की क्षमता को प्रदर्शित करता हैबल्कि पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों   को भी पुष्ट  करता है। ऐसे  विश्व  में जहां कई प्रकार की पर्यावरणीय चिंताएं बढ़ रही हैंयह अध्ययन ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स में हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। यह मृदु मैग्नीशियम के स्थान  विषाक्त  सीसे की अदला-बदली करके संभव हैऔर इस प्रकार शोधकर्ताओं ने फोटोडिटेक्टरों और अन्य ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक आशाजनक विकल्प की प्रस्तुति  कर दी  है।