ग्वालियर। ए बी वी आई आई आई टी एम में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ऊर्जा व पर्यावरण के लिए नैनो सामग्री और उपकरणों में प्रगति पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कैंडी 2024 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश से आए हुए प्रमुख वैज्ञानिक अपने विचारों को साझा कर रहे हैं।
बुधवार को कैंडी 2024 के दूसरे दिन की शुरुआत करते हुए,प्रो०अनुराग श्रीवास्तव डीन पूर्व छात्र एवं बाह्य/विदेश संबंध,ने अमेरिका से आए हुए वैज्ञानिक प्रो० अप्पाराव एम.राव को अपने बहुमूल्य व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया। प्रो० अप्पाराव रॉबर्ट ए बॉवेन भौतिकी के संपन्न प्रोफेसर, क्लेमसन नैनोमेटेरियल संस्थान के संस्थापक निदेशक, तथा क्लेमसन विश्विद्यालय के विज्ञान महाविद्यालय में डिस्कवरी के पूर्व एसोसिएट डीन के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए,सस्टेनेबल बैटरीज, जिसका मुख्य उद्देश्य, बैटरी उद्योग के सतत् विकास पर काम करना और पर्यावरण और समाज के लिए फायदे सुनिश्चित करना होता है, इसके साथ-साथ, द्विआयामी सामग्री और उनके गुण,तथा सिलिकॉन के साथ प्राथमिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला।इसी क्रम में दूसरे मुख्य वक्ता प्रो० अजय कुमार मिश्रा वेस्टर्न केप विश्वविद्यालय दक्षिण अफ्रीका ने जल परिशुद्धता एवं बचाव को स्पष्ट करते हुए, औद्योगिक जल मैनेजमेंट,नैनोमेटेरियल एवं डाई अवशोषण के लिए नैनो कंपोजिट पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात प्रो. प्रशांत कुमार सरस्वत U.U Utah US ने लेजर प्रिंटिंग-धातु मापने की तकनीक में ढलाई को स्पष्ट किया। प्रो. सुभाष एस पिंगले P.U. पुणे, ने आणविक आदिश क्षेत्रों की स्थायकृति, एवं आणविक स्थिरवैद्युद्तिकी क्षमता के बारे में बताया, वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ENEA, इटली ने विभिन्न तत्व ऊर्जा कैसे उत्पन्न करते है इस बात पर चर्चा की,एवं अपने विचार साझा किए। इसी क्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक वसुन्धरा CSIR, IICT, हैदराबाद ने ठोस चुंबकीय प्रशीतन प्रौद्योगिकी के लिए सस्ती अग्रदूत के उपयोग को स्पष्ट किया, और अंत में, सुनील ढींगरा (BTF दिल्ली), हर्ष वजीरानी एवं सवाना (सिडनी विश्वविध्यालय), प्रो० संगीता शर्मा (एफ़यू-जर्मनी) ने भी विचारों को साझा किया। इन सभी देश विदेश से पधारे वैज्ञानिकों के विचारों के आदान प्रदान से अधिवेशन में पधारे सभी प्रतिभागी लाभान्वित हुए। प्रो. अनुराग श्रीवास्तव का आभार व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि वे इस प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन को भविष्य में भी इसी प्रकार से कार्यान्वित करते रहें, जिससे इस क्षेत्र में रिसर्च कर रहे शोधकर्ताओं को इसका भरपूर लाभ मिल सके। उक्त जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमती दीपा सिंह सिसोदिया के द्वारा दी गयी।