गुना शासकीय अस्पताल में तेज बुखार आने पर तीन साल की हर्षिता कुशवाह को गुरुवार को भर्ती कराया गया था।शुक्रवार सुबह तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने मासूम हर्षिता को भोपाल रेफर कर दिया।परिजनो के साथ हर्षिता एम्बुलेंस से भोपाल रवाना हुई लेकिन ब्यावरा से करीब 5 किलोमीटर पहले ही एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गई।वही दूसरा सिलेंडर भी पहले से खाली था।मासूम बिटिया के दादा ओंकार सिंह कुशवाह के मुताबिक जैसे-तैसे ब्यावरा सिविल अस्पताल पहुंचे। ओर बच्ची को अस्पताल के अंदर लेकर भागे।तो एंबुलेंस कर्मचारी मदद करने की जगह सामान फेंक कर वहां से भाग गए। ब्यावरा सिविल अस्पताल में जब ड्यूटी डॉक्टर ने बच्ची को चेक किया तो उसके सांस नली में उल्टी फंसी हुई थी।डाक्टरों ने मासूम को मृत घोषित कर दिया।ब्यावरा देहात थाने में ऑक्सीजन की कमी से बच्ची की मौत का मामला दर्ज कर संबंधित थाने को सूचना भेजी जा रही है
ब्यावरा। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन के खाली सिलेंडरों ने एक मासूम बच्ची की जान लेली।परिजन जैसे तैसे ब्यावरा सिविल अस्पताल में मासूम बिटिया को ले गए तो एंबुलेंस कर्मचारी मासूम का सामान फेक कर भाग निकले ।ड्यूटी डाक्टरों चेक किया तो मासूम की मौत हो चुकी थी।मासूम बिटिया को गुना जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था।