स्वास्थ विभाग की मिली भगत, 10 साल से फर्जी ड्रेसर बनकर काम किया, वेतन लिया,भाई ने की शिकायत तो हुआ खुलासा

ग्वालियर(मनीष नायक)।ग्वालियर के स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ड्रेसर के पद पर फर्जी ड्रेसर के तौर पर काम करने का मामला सामने आया है। कार्यरत फर्जी ड्रेसर ने नियमित रूप से फर्जी यूनिक कोड से 10 साल तक वेतन लिया।इस मामले का खुलासा प्रभारी मंत्री के द्वारा कराई गई जांच से हुआ।इसकी शिकायत फर्जी ड्रेसर के भाई ने को थी खोली।

   मुरार स्थित श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला अस्पताल में ड्रेसर के तौर पर नियुक्त मनोज कुमार के नाम से पदस्थ एक युवक दरअसल नीरज गुप्ता निकला, जो स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत पिछले करीब 10 वर्षों से  ड्रेसर के पद पर फर्जी तरीके से कार्यरत था और नियमित रूप से वेतन भी लेता रहा। फर्जीवाड़े का मामला प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट के संज्ञान में आया था तब तत्काल जांच के आदेश देते हुए सीएमएचओ को दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।तब स्वास्थ्य विभाग ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसकी जांच में पाया गया कि युवक का असली नाम अरविंद कुमार गुप्ता उर्फ नीरज गुप्ता है, जो नारायण विहार कॉलोनी, ग्वालियर का रहने वाला है।वो भिंड जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी फर्जी यूनिक कोड के आधार पर टीकमगढ़ में नियुक्त हुआ था। वहां से वर्ष 2015-16 में ट्रांसफर के जरिए ग्वालियर जिला अस्पताल आ गया, जहां वह अब तक नौकरी कर रहा था।जांच समिति ने उसका यूनिक कोड भी फर्जी पाया। जांच में नियुक्ति प्रक्रिया, दस्तावेज़ सत्यापन और वेतन भुगतान से जुड़े कई मामलों में भी लापरवाही पाई गई है।