भीम सेना को ग्वालियर सीमा पर रोका,नाराज नेताओं ने 29 जून को भीमराव अग्निपथ महासभा की घोषणा की

ग्वालियर।भीम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल सिंह तंवर को ग्वालियर-मुरैना बॉर्डर पर रोका गया। ज्ञापन लेकर वापस भेजा। ऐसे में भीम सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल सिंह तंवर ने कहा कि यह दलितों पर अत्याचार है। हम अपने भगवान पर माल्यार्पण नहीं कर सकते। यदि शांति से नहीं तो क्रांति से अंबेडकर प्रतिमा स्थापित होगी। 29 जून को ग्वालियर के फूलबाग पर भीमराव अग्निपथ महासभा होगी। जिसमें शांति से नहीं तो क्रांति के रास्ते को अपनाया जाएगा। 

    ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर शुरू हुआ तनाव बढ़ता जा रहा है। सोमवार को प्रशासन ने भीम आर्मी के संगठन भीम सेना को सभा और फूलबाग में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण की अनुमति नहीं दी।लेकिन जब भीम सेना ने सभा का ऐलान किया।तब प्रशासन ने ग्वालियर-मुरैना बॉर्डर को पुलिस छावनी में तब्दील कर  भीम सेना के नेता ओर  कार्यकर्ता  निरावली पॉइंट पर रोक लिया गया। ऐसे में भीम सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल सिंह तंवर ने कहा कि सरकार का यह कदम यह दलितों पर अत्याचार है। हम अपने भगवान पर माल्यार्पण नहीं कर सकते। यदि शांति से नहीं तो क्रांति से अंबेडकर प्रतिमा स्थापित होगी। 29 जून को ग्वालियर के फूलबाग पर भीमराव अग्निपथ महासभा होगी। जिसमें शांति से नहीं तो क्रांति के रास्ते को अपनाया जाएगा। पुलिस ने दिल्ली से सड़क मार्ग से आने वाले नेताओं को रोकने के लिए  ग्वालियर-मुरैना रोड पर बैरिकेड लगातार शहर में आने के रास्ते सील कर दिए। दोपहर में दिल्ली से आगरा, धौलपुर और मुरैना होते हुए भीम सेना के नेताओं के वाहन ग्वालियर बॉर्डर पर पहुंचे, तो उन्हें शहर में नहीं जाने दिया। इसे लेकर पुलिस और भीम सेना के नेताओं के बीच काफी देर तक बहस हुई। पुलिस ने साफ कहा कि तनाव का माहौल न बने, इसलिए आपको सभा की अनुमति नहीं दी गई है।अब भीम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल सिंह तंवर ने घोषणा की है कि 29 जून को ग्वालियर के फूलबाग मैदान पर भीमराव अग्निपथ महासभा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर का दलित समाज एकजुट होगा।