फर्जी दस्तावेज से लोन दिलाने वाली गैग क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ी,महिला सहित 7 गिरफ्तार,आरोपियों में बैंक डीएसए भी शामिल

ग्वालियर।ग्वालियर की क्राइम ब्रांच ने हाउसिंग फाइनेंस से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन दिलाने वाली गैंग के मास्टरमाइंड व बैंक डीएसए सहित 7 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।पकड़े गये आरोपियों में एक एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का डीएसए वही एक महिला आरोपी भी है।इस प्रकरण में वांछित एलआईसी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड का मैनेजर फरार है, जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।

 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह को आवेदक संजीव शर्मा ने शिकायती आवेदन में कहा था कि उसके दस्तावेजों को कूटरचना करके बिना उनकी जानकारी के किसी अज्ञात व्यक्ति को एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से लोन दिलाया गया है। जब वह बैंक में लोन लेने के लिए गया तब मुझे बैंक से बताया गया कि आपके नाम पर पहले से ही एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से होम लोन चल रहा है जबकि मेरे द्वारा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से कोई होम लोन नहीं लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने सायबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।तब संजीव शर्मा के आवेदन पत्र को थाना क्राइम ब्रांच ग्वालियर में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पाया गया कि पकड़े गए आरोपियों के द्वारा फरियादी के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर किसी अन्य व्यक्ति को लोन दिलाया गया गया है जांच में ज्ञात हुआ कि कुछ लोगों की गैंग है जिसमे एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल है जो पैसे लेकर ऐसे लोगों को लोन दिलाने का कार्य करते है जिनका सिबिल स्कोर खराब होता है और उन्हें लोन की आवश्यकता है ऐसे लोगों से डील करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के स्टाफ के साथ सांठगांठ कर लोन दिलाने का कार्य किया जाता है जिसमे फर्जी लोन दिलाने वाले गैंग के 7 सदस्यों को ग्वालियर से गिरफ्तार किया गया जिनमें से एक एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का डीएसए है। पकड़े गये आरोपियों में निवासी (1)अरविंद सिंह भदौरिया, आदर्श कालोनी गोले का मंदिर ग्वालियर (हाउसिंग फाइनेंस का डीएसए), (2)जितेन्द्र सिंह चंदेल,निवासी ग्राम हथका पो.हथका थाना सिवली जिला कानपुर देहात उ.प्र हाल. म.न. 110 लाइन न. 01 विरला नगर हजीरा ग्वालियर (अन्य व्यक्ति बनकर लोन लेता था), (3)सचिन त्रिपाठी,निवासी गोरमी जिला भिंड हाल. न्यू कालोनी न. 02 वार्ड न. 17 म.न. 38 पाताली हनुमान बिरला नगर ग्वालियर (फर्जी प्रॉपर्टी के लिये फर्जी विक्रेता उपलब्ध कराता था),(4) प्रवीण अग्रवाल निवासी नीम वाली गली उदयगिरी अपार्टमेंट के पास लक्कड खाना लश्कर ग्वालियर हाल. बी 3 सरदार मल्टी सिकंदर कम्पू जिला ग्वालियर (मास्टर माइंड),(5)ज्योति उर्फ गुडिया ब्रजबिहार कालोनी रामकुई अखाडा नई सडक लश्कर ग्वालियर (म0प्र0) (फर्जी विक्रेता बनकर खाते खुलवाये व रजिस्ट्री कराई),(6)सतीश बिजरोठिया निवासी पीएम आवास योजना सरकारी मल्टी सागरताल रोड दाने बाबा मंदिर के पास बहोड़ापुर ग्वालियर (फर्जी दस्तावेज तैयार करता था) (7) होम सिंह निवासी ग्राम नरसिंहगढ़ थाना पावइ तह अटेर भिंड हाल निवासी राजेंद्र प्रसाद कॉलोनी तानसेन रोड पड़ाव ग्वालियर(फर्जी दस्तावेज तैयार करता था) के रहने वाले हैं। पकड़े गये आरोपियों में सरगना द्वारा बताया गया कि वह पहले मैग्मा फाइनेंस सर्विस में लोन एजेंट के रूप में कार्य करता था जहाँ पर वह लोन कराने वाले व्यक्तियों के दस्तावेज कलेक्ट करता था उन्ही प्राप्त किये गये दस्तावेजों की कूटरचना अपने साथियांे के साथ मिलकर करता था बाद में एलआईसी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड के डीएसए व मैनेजर के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज बनाकर फर्जी व्यक्तियों को उपस्थित करके लोन कराता था। लोन कराते समय जिस प्रापर्टी व अन्य वैरिफिकेशन किया जाता हैं वह भी एलआईसी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड के कर्मचारियो की मिली भगत से फर्जी रहता था व प्रापर्टी की फर्जी रूप से रजिस्ट्री कराकर उस प्रापर्टी का मार्डगेज कराकर, लोन पास करा लिया जाता था। बाद कुछ राशि लोन जिसके नाम पर था उस व्यक्ति को देते थे बाकी की राशि सरगना द्वारा डीएसए एजेंट व एलआईसी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड मैनेजर व फ्रॉड में शामिल अन्य व्यक्तियो के साथ मिलकर बांट ली जाती थी।

एलआईसी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड का मैनेजर फरार है, आरोपी के गिरफ्तार होने पर एलआईसी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड के अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आ सकती हैं। पकङे गये आरोपीगणांे के कब्जे से भारी मात्रा में विभिन्न संस्थानों की सील, फर्जी दस्तावेज, एक लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर आदि सामग्री जप्त की गई हैं। अभी तक 4 लोन जिनकी राशि 86 लाख रूपये हैं सामने आये हैं। जिसे पकड़े गये आरोपी व एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के मैनेजर के द्वारा फर्जी रूप से, फर्जी व्यक्तियों के नाम पर जारी कराया गया हैं। विवेचना के दौरान अन्य लोन की जानकारी प्राप्त होने की संभावना हैं जो फर्जी रूप से जारी किये गये हैं।