ग्वालियर।ग्वालियर जिले में श्रमिक दिवस पर 10 जरूरतमंद महिलाएँ शक्ति दीदी बनी हैं ओर अलग अलग पेट्रोल पंपों पर फ्यूल डिलेवरी वर्कर की जिम्मेदारी संभाली। जिले में कुल मिलाकर अब तक 45 जरूरतमंद महिलायें विभिन्न पेट्रोल पंपों पर शक्ति दीदी के रूप में काम कर रही हैं।
श्रमिक दिवस पर डबरा स्थित सोनी फ्यूल्स पेट्रोल पंप एवं रनवीक फिलिंग स्टेशन पर पाँच महिलाओं को पुष्पाहार एवं जैकेट पहनाकर शक्ति दीदी बनाया और फ्यूल डिलेवरी वर्कर की जिम्मेदारी दी ।डबरा में भितरवार रोड स्थित रनवीक फिलिंग स्टेशन पर सुश्री रचना आदिवासी, सुश्री मुस्कान जाटव व सुश्री साधना गौड़ एवं पिछोर तिराहे पर स्थित सोनी फ्यूल्स पेट्रोल पंप पर सुश्री मंजू श्रीवास्तव व सुश्री रजनी राजपूत ने शक्ति दीदी के रूप में फ्यूल डिलेवरी वर्कर बनकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए हैं। रेसकोर्स रोड स्थित केसर सर्विस पेट्रोल पंप पर सुश्री कौशल्या आर्य, एडीएम श्री टी एन सिंह ने जलालपुर चौराहा तलवार वाले हनुमानजी के समीप स्थित पेट्रोल पंप पर सुश्री ममता अग्रवाल एवं खेल अधिकारी श्री जोसेफ बक्सला ने ऋतुराज होटल के समीप स्थित मोहन फिलिंग स्टेशन पर सुश्री ममता जाटव एवं सुश्री चन्द्रा अहिरवार को शक्ति दीदी के रूप में फ्यूल डिलेवरी वर्कर का दायित्व सौंपा।
इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिए कि शक्ति दीदियों का विशेष ध्यान रखें और उन्हें प्रावधानों के अनुसार मानदेय व सुविधायें प्रदान की जाएं। उन्होंने डबरा थाना प्रभारी को भी निर्देश दिए कि जिन पेट्रोल पंप पर शक्ति दीदी तैनात हैं उन पर लगातार गश्त करते रहें। साथ ही एसडीएम, तहसीलदार पुलिस अधिकारी, पेट्रोल पंप संचालक एवं शक्ति दीदियों को शामिल कर एक वॉट्सएप ग्रुप भी बनाएं, जिस पर शक्ति दीदियों की समस्यायें साझा कर उनका निदान करते रहें।
शक्ति दीदी बनने के लिये यहां करे संपर्क
शक्ति दीदी बनकर फ्यूल डिलेवरी वर्कर के रूप में पेट्रोल पंपों पर काम करने की इच्छुक महिलायें कलेक्ट्रेट स्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अथवा अपने नजदीकी बाल विकास परियोजना कार्यालय में संपर्क कर सकती हैं। साथ ही कलेक्ट्रेट स्थित खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कार्यालय में भी इसके लिये संपर्क किया जा सकता है।
आपको बता दे कि जिला प्रशासन द्वारा ऐसी महिलाओं को शक्ति दीदी पहल के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, जो जरूरतमंद हैं या जिनके पति का निधन हो चुका है अथवा अपनों ने साथ छोड़ दिया है।