ऑटोमेटिक सिमुलेशन फॉर सेंसिंग एंड सुपरकपसिटर डिवाइसेज : टूल्स टेक्निक्स एंड इमेजिंग ट्रेंड्स पर कार्यशील का समापन

ग्वालियर।एबीवी-आईआईआईटीएम ग्वालियर में पांच दिवसीय कार्यशाला “ऑटोमेटिक सिमुलेशन फॉर सेंसिंग एंड सुपरकपसिटर डिवाइसेज : टूल्स टेक्निक्स एंड इमेजिंग ट्रेंड्स का समापन हुआ।
 संस्थान के अभियांत्रिकी विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला “ऑटोमेटिक सिमुलेशन फॉर सेंसिंग एंड सुपरकपसिटर डिवाइसेज : टूल्स टेक्निक्स एंड इमेजिंग ट्रेंड्स (AS³T³-2025)” कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ २३ मई को हुआ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मिशिगन टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, यूएसए से प्रो. रविंद्र पांडे उपस्थित रहे, जिन्होंने उद्घाटन भाषण में कंप्यूटेशनल मटेरियल्स विज्ञान में नवाचार की भूमिका पर प्रकाश डाला। उनके साथ संस्थान के निदेशक प्रो. एस. एन. सिंह, विभागाध्यक्ष, शोध एवं परामर्श के डीन सहित अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे। अपने सम्बोधन में निदेशक प्रो. एस. एन. सिंह ने वर्तमान समय में सेंसर्स की महत्ता  और इनकी तकनीकी उन्नति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सेंसर तकनीकें न केवल स्वास्थ्य, पर्यावरण और औद्योगिक निगरानी में क्रांति ला रही हैं, बल्कि कंप्यूटेशनल मेथड्स की मदद से इनकी डिज़ाइनिंग और कार्यक्षमता में तेजी से सुधार किया जा सकता है। उद्घाटन सत्र में प्रो. अनुराग श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया तथा प्रतिभागियों को कार्यशाला के उद्देश्यों से अवगत कराया।कार्यशाला में 30 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में सक्रिय भागीदारी निभाई। 
उद्घाटन सत्र के उपरांत, कार्यशाला के पहले तकनीकी सत्र में डॉ. बिस्वरूप पाठक द्वारा “DFT सिमुलेशन” विषय पर जानकारी साझा की गई, जिसमें क्वांटम-आधारित विश्लेषण तकनीकों को समझाया गया। और यह बताया कि कैसे इनका प्रयोग मटेरियल्स के इलेक्ट्रॉनिक गुणों के विश्लेषण  में किया जाता है, जो सेंसिंग एप्लिकेशन्स के लिए अत्यंत उपयोगी है।
दूसरे सत्र में यू.पी.ई.एस. देहरादून के प्रोफेसर सर्वेंद्र राणा ने "स्वयं उपचारशील पॉलिमर" पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने स्मार्ट मैटेरियल्स की क्षमता और औद्योगिक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन स्मार्ट मटेरियल्स की विशेषताओं, जैसे कि डैमेज डिटेक्शन और सेल्फ-रिपेयरिंग क्षमताओं को साझा किया तथा इनका उपयोग फ्लेक्सिबल सेंसिंग और ऊर्जा उपकरणों में कैसे किया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिया। अंतिम सत्र कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुमन महेंदिया द्वारा लिया गया, जिन्होंने "अपशिष्ट-व्युत्पन्न सामग्री के सुपरकैपेसिटर और बैटरी अनुप्रयोगों में उपयोग" विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने यह बताया कि कैसे उद्योगों से उत्पन्न कचरे से उपयोगी उन्नत ऊर्जा सामग्री तैयार  की जा सकती है, जो न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अनुकूल है।
    
 कार्यशाला के दूसरे, तीसरे और चौथे दिन तकनीकी संवाद और प्रयोगात्मक सत्रों से समृद्ध रहे।
द्वितीय दिवस (24 मई) की शुरुआत प्रो. रविन्द्र पांडे (Michigan Technological University, USA) के व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने DFT (Density 
@Functional Theory) की त्रुटियाँ, उसकी सटीकता और बायोमोलेक्यूल सेंसिंग में इसके अनुप्रयोगों पर विस्तार से चर्चा की।इसके पश्चात प्रो. अभिषेक कुमार मिश्रा (UPES, देहरादून) ने उन्नत सामग्री सिमुलेशन की दिशा में अपने अनुसंधान अनुभव साझा किए।
तीसरे सत्र में डॉ. बिश्वन्दु जना (ABV-IIITM, ग्वालियर) ने Point-of-Care डिवाइसों की संरचना और स्वास्थ्य निगरानी में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
दिन का अंतिम सत्र डॉ. आशीष भटनागर द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने लिथियम-आयन बैटरियों की कार्यविधि, निर्माण एवं नवीन अनुप्रयोगों को समझाया।
तृतीय दिवस (25 मई) को प्रतिभागियों ने NanoDcal सॉफ्टवेयर पर एक hands-on session में भाग लिया, जिसका संचालन श्री अनिल शर्मा (Impulse Technology) द्वारा किया गया। इस सत्र में प्रतिभागियों को Quantum Transport Simulations की बुनियादी अवधारणाओं से अवगत कराया गया।इसके बाद प्रो. गोंज़ालो गुटिरेज़ (University of Chile) ने 2D नैनोमटेरियल्स की विशेषताओं और उनके इलेक्ट्रॉनिक व सेंसिंग अनुप्रयोगों पर व्याख्यान दिया।चतुर्थ दिवस (26 मई) की शुरुआत ATK-VNL सॉफ़्टवेयर पर hands-on session से हुई, जिसका संचालन  दीपक (Integrated Microsystems) ने किया। उन्होंने डिवाइस सिमुलेशन के तकनीकी पहलुओं को विस्तार से समझाया।
दोपहर के सत्र में डॉ. शांति भूषण (IIIT इलाहाबाद) ने ATK-VNL की बुनियादी अवधारणाओं और सुपरकैपेसिटर डिज़ाइन पर संवाद किया। इसके बाद डॉ. कुमार गौरव (MITS ग्वालियर) ने Single Electron Transistor (SET) पर एक विशिष्ट प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने इसके क्वांटम सिद्धांत और भविष्य के अनुप्रयोगों को समझाया।
कार्यशाला के अंतिम दिवस दो  व्याख्यान हुए, पहला व्याख्यान डा. राहुल काला द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लैंग्वेज पर दिया गया, अगले व्याख्यान में ऐ आई एवं एम् अल तकनीक का दिवस फिजिक्स एवं मैटेरियल्स की प्रॉपर्टीज आंकलन में कैसे किया जाता है, पर प्रकाश डाला गया. साथ ही प्रतिभागियों द्वारा अपने कार्यों की भी प्रस्तुति दी गयी | कार्यशाला का समापन सत्र में, प्रो. अनुराग श्रीवास्तव द्वारा  पांच दिनों के संक्षिप्त सारांश को प्रस्तुत किया गया | कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने फीडबैक दिया एवं अगले कार्यक्रमों हेतु सुझाव भी दिए | समापन सत्र में बोलते हुए विभाग अध्यक्ष प्रोफ. अजय कुमार एवं मुख्या अतिथि प्रो. रवि पांडेय ने इस कार्यशाला की उपलब्धियां बतायी, प्रयासों को सराहा, एवं वर्तमान समय में, इसकी प्रासंगकिता पर प्रकाश डाला | ध्यन्यवाद ज्ञापन प्रो. अनुराग श्रीवास्तव द्वारा दिया गया एवं एडवांस मैटेरियल्स रिसर्च ग्रुप के सभी सदस्यों, विभाग के प्राध्यापकों, संस्थान के निदेशक, ईवा, अन्य अधिकारी कर्मचारियों के सहयोग के लिए धन्यवाद् दिया | समापन समारोह में एडवांस मैटेरियल्स रिसर्च ग्रुप के सभी सदस्य, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे|कार्यशाला की जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमती दीपा सिंह सिसोदिया के द्वारा दी गयी।