ये नया भारत है ! यह भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर मानवता पर हमला होता है, तो भारत युद्ध के मैदान में दुश्मन को कुचलना भी जानता है: प्रधानमंत्री

आदमपुर।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज आदमपुर स्थित वायुसेना स्टेशन पर बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मुलाकात की और उनसे परस्पर बातचीत की। उन्हें संबोधित करते हुए उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे की शक्ति को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि दुनिया ने अभी-अभी इसकी ताकत देखी है। यह टिप्पणी करते हुए कि यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि भारत माता की गरिमा को बनाए रखने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालने वाले प्रत्येक सैनिक द्वारा ली गई शपथ है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नारा प्रत्येक नागरिक की आवाज है जो देश के लिए जीना चाहता है और सार्थक योगदान देना चाहता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ‘भारत माता की जय’ युद्ध के मैदान और महत्वपूर्ण मिशनों दोनों में गूंजती है। उन्होंने कहा कि जब भारतीय सैनिक ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते हैं, तो दुश्मन की रीढ़ में सिहरन पैदा हो जाती है। उन्होंने भारत की सैन्य शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि जब भारतीय ड्रोन दुश्मन की किलेबंदी को ध्वस्त करते हैं और जब मिसाइलें सटीक हमला करती हैं, तो दुश्मन को केवल एक ही वाक्य सुनाई देता है- ‘भारत माता की जय’। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत के पास बेहद अंधेरी रात में भी आसमान को रोशन करने की क्षमता है  जो दुश्मनों को देश की अदम्य भावना का एहसास करा देता है। उन्होंने कहा कि जब भारत की सेना परमाणु ब्लैकमेल की धमकियों को ध्वस्त कर देती है, तो आसमान और धरती पर बस एक संदेश गूंजता है- 'भारत माता की जय'।

भारत के सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि उन्होंने लाखों भारतीयों के दिलों को गर्व से भर दिया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की अद्वितीय बहादुरी और ऐतिहासिक उपलब्धियों के कारण आज हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा है। उन्होंने कहा कि इन वीर नायकों से मिलना वास्तव में सौभाग्य की बात है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब दशकों बाद देश की वीरता की चर्चा होगी, तो इस मिशन का नेतृत्व करने वाले सैनिक सबसे अधिक चर्चित होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गए हैं। वीर योद्धाओं की भूमि से सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए उन्होंने वायु सेना, नौसेना, सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साहसी कर्मियों का अभिवादन किया। उन्होंने उनके वीरतापूर्ण प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव पूरे देश में गूंज रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान, हर भारतीय सैनिकों के साथ मजबूती से खड़ा था, प्रार्थना कर रहा था और अटूट समर्थन दे रहा था। उन्होंने भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति पूरे देश की गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और उनके बलिदान को सराहा।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "ऑपरेशन सिंदूर कोई साधारण सैन्य अभियान नहीं है, बल्कि यह भारत की नीति, इरादे और निर्णायक क्षमता की त्रिमूर्ति है।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत बुद्ध और गुरु गोविंद सिंह जी दोनों की भूमि है, जिन्होंने कहा था, “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज़ तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं।” उन्होंने कहा कि धर्म की स्थापना के लिए अन्याय के खिलाफ हथियार उठाना हमेशा से भारत की परंपरा रही है। उन्होंने पुष्टि की कि जब आतंकवादियों ने भारत की बेटियों पर हमला करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की हिम्मत की, तो भारतीय सेना ने उन्हें उनके ही ठिकानों में कुचल दिया। उन्होंने कहा कि ये हमलावर कायरतापूर्ण तरीके से छिपकर आए थे, यह भूल गए कि उन्होंने किसे चुनौती दी थी - शक्तिशाली भारतीय सशस्त्र बलों को। उन्होंने भारत के सैनिकों की बहादुरी की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि उन्होंने सीधे हमला किया, प्रमुख आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। नौ आतंकवादी ठिकाने नष्ट कर दिए गए, और 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि आतंकवाद के आकाओं को अब भारत को उकसाने के एक निर्विवाद परिणाम को समझ गए हैं- पूरी तबाही। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में निर्दोष लोगों का खून बहाने की किसी भी कोशिश से केवल विनाश ही होगा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन आतंकवादियों को पनाह देने वाली पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना ने निर्णायक रूप से हरा दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है- आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं बची है", उन्होंने पुष्टि की कि भारत उन्हें उनके ही क्षेत्र में मार गिराएगा, ताकि भागने का कोई मौका न मिले। उन्होंने घोषणा की कि भारत के ड्रोन और मिसाइलों ने ऐसा डर पैदा कर दिया है कि पाकिस्तान उनके बारे में सोचकर ही कई दिनों तक नींद खो देगा। महाराणा प्रताप के प्रसिद्ध घोड़े चेतक के बारे में लिखी गई पंक्तियों को उद्धृत करते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि ये शब्द अब भारत के उन्नत आधुनिक हथियारों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं।


प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की अपील के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई को अभी अस्थायी रूप से रोका गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर पाकिस्तान आगे भी कोई आतंकवादी गतिविधि या सैन्य उकसावे में शामिल होता है, तो भारत पूरी शक्ति से जवाब देगा। उन्होंने पुष्टि की कि भारत की प्रतिक्रिया पूरी तरह से अपनी शर्तों पर तय होगी। उन्होंने इस निर्णायक रुख का श्रेय देश के सशस्त्र बलों के साहस, वीरता और सतर्कता को दिया। सैनिकों से उनके दृढ़ संकल्प, जुनून और तत्परता को बनाए रखने का आग्रह करते हुए और इस बात पर जोर देते हुए कि भारत को हर समय सतर्क और तैयार रहना चाहिए, प्रधानमंत्री ने यह घोषणा करते हुए अपनी बात का समापन किया कि यह एक नया भारत है- एक ऐसा भारत जो शांति चाहता है लेकिन अगर मानवता को खतरा है तो वह विरोधियों को कुचलने में तनिक भी संकोच नहीं करेगा।