11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: राजवाड़ा इंदौर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया योगाभ्यास, देशवासियों को किया स्वस्थ जीवन का आह्वान
इंदौर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 11वें संस्करण के उपलक्ष्य में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा परिसर में आयोजित भव्य योगाभ्यास कार्यक्रम में सहभागिता की। इस अवसर पर उन्होंने पूर्ण मनोयोग से भाग लेते हुए ‘योग से राष्ट्र निर्माण’ के संदेश को सशक्त रूप से आगे बढ़ाया।
स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ राष्ट्र की नींव: सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि 'जब व्यक्ति स्वस्थ होता है, तभी समाज और राष्ट्र भी सशक्त बनते हैं। योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि मन, आत्मा और चेतना को जोड़ने की एक गहन आध्यात्मिक प्रक्रिया है।' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस ऐतिहासिक पहल को याद किया, जब 2014 में संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। इस पहल को मात्र 75 दिनों में 177 देशों का समर्थन मिला और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में सर्वसम्मति से अंगीकार किया गया, यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति और वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक है।
तीन पीढियां, एक साथ योग - पारिवारिक एकता का ऐतिहासिक प्रतीक : सिंधिया
सिंधिया ने कार्यक्रम में उपस्थित योगाभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज यहाँ दादा-दादी, बेटा-बेटी और नाती-पोते — तीन पीढ़ियाँ एक साथ योग कर रही हैं। यह दृश्य केवल एक योगाभ्यास नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक निरंतरता और पारिवारिक एकता का एक ऐतिहासिक प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि योग वह सेतु है जो पीढ़ियों को जोड़ता है, संस्कारों को जीवित रखता है और राष्ट्र को एकसूत्र में बांधता है। राजवाड़ा की इस ऐतिहासिक भूमि पर योग की सामूहिक साधना, भारत की आत्मा को साक्षात रूप में देखने जैसा अनुभव है। सिंधिया ने कहा कि योग आज एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है और यह भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।