कैबिनेट की बैठक :कई महत्वपूर्ण फैसले...जानिए क्या है फैसले

पंचमढ़ी।पचमढ़ी में मोहन यादव कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में  पचमढ़ी वन्य जीव अभ्यारण का नाम राजा भभूत सिंह के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है।राजस्व विभाग में 500 पदों को खत्म कर 1200 नए पदों पर भर्ती,लेबर एक्ट में संशोधन को मंजूरी के साथ इंदौर आईआईटी में एग्रो आईआईटी हब बनाने का फैसला किया गया है।
     पचमढ़ी के राजभवन में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के गायन के साथ मोहन यादव सरकार की कैबिनेट की बैठक शुरू हुई।बैठक को लेकर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राजा भभूत सिंह की कर्म भूमि, जन्म भूमि पर हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि पचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य अब राजा भभूत सिंह वन्यजीव अभयारण्य पचमढ़ी के नाम से जाना जाएगा।मंत्रि परिषद ने तकनीकी आधारित कृषि विकास एवं कृषि उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार की भावी संभावनाओं के दृष्टिगत मध्यप्रदेश में एग्रीटेक हब / इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर "Agritech-Hub/Innovation Hub for Agriculture" परियोजना की स्थापना/संचालन के लिए राज्य शासन की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) को सहभागीदार बनाये जाने का निर्णय लिया है। साथ ही  इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति के अनुरूप भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान, इन्दौर को परियोजना की स्थापना के लिए राज्यांश के रूप में वित्तीय वर्ष 2025-26 में राशि रुपये दो करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है।राजस्व विभाग में 500 पदों को खत्म कर 1200 नए पदों पर भर्ती होंगी। आईटी के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों को रखा जाएगा। इससे किसानों को घर बैठे नामांतरण और सीमांकन जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी और व्यवस्था को और पारदर्शी बनाया जा सकेगा। मध्यप्रदेश इस तरह का परिवर्तन करने वाला पहला राज्य होगा, जिससे राजस्व विभाग में सुधार और डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा।तहसीलदारों की जिम्मेदारियों को अलग-अलग करने का निर्णय लिया गया। अब तहसीलदार या तो राजस्व के न्यायालय देखेंगे या लॉ एंड ऑर्डर संभालेंगे।राजस्व कमिश्नर और लैंड रिकॉर्ड कमिश्नर के दोनों पदों की जिम्मेदारियां एक ही अधिकारी के पास होंगी।लेबर एक्ट में संशोधन को मंजूरी5 जून को उज्जैन में वेलनेस समिट का आयोजन किया जाएगा।मंत्रि-परिषद ने श्रम कानूनों में प्रक्रिया का सरलीकरण एवं छोटे और मध्यम स्तर के संस्थानों और उद्द्योर्गों पर अनुपालन के बोझ को कम करने के उद्देश्य से तीन श्रम कानूनों में संशोधन की अनुमति दी है। ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970 के अंतर्गत वर्तमान में नियोजन के लिए निर्धारित 20 ठेका श्रमिक सीमा को बढ़ाकर  50 ठेका श्रमिक किया गया है। साथ ही कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में वर्तमान में निर्धारित 10 श्रमिक नियोजित होने तथा बिना शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में वर्तमान में निर्धारित 20 श्रमिक नियोजित होने की सीमा को क्रमशः शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में 20 श्रमिक तथा बिना शक्ति की सहायता से विनिर्माण चलाने वाले परिसरों में 40 श्रमिक तक बढ़ाया गया। कैबिनेट बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह शामिल नहीं हुए हैं।