अंधेरी नगरी से भी गंभीर हालत में है परिवहन विभाग, भेड़ बकरियों की तरह भरे जा रहे है यात्री,कोई रोक टोक नहीं
ग्वालियर।कई सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी मध्य प्रदेश परिवहन विभाग यात्री बसों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर आंखे बंद ही है।हालत शिवपुरी से ग्वालियर जाने वाली बसों की करे तो इन बसों में यात्रियों को ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है।इस तरह से यात्रियों को बसों में भरना एक अमानवीय व्यवहार है। गंभीर समस्या है। लेकिन ना परिवहन विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है ना ही पुलिस विभाग अतिरिक्त सवारी की कारवाही कर प रहा है।हालत देख कर ऐसा लगता है कि प्रशासन और पुलिस को बड़ी दुर्घटना का इंतजार है।हा उसके बाद कारवाही कर अपने आप को पाक साफ दिखाएगा।
बसों में ठूंसकर भरने से यात्रियों की सुरक्षा खतरे का खेल ग्वालियर शिवपुरी रूट पर देखा जा सकता है।इस रोड पर 52 सीट कई गाड़िया चल रही है जिनमें यात्रियों की संख्या 100 से 120 तक पहुंच जाती है।हालात इतने खराब है कि कोई यात्री इसका विरोध करे तो उसे रस्ते में उतर दिया जाता है।इस रूट में कोई दुर्घटना हो जाए तो आपातकालीन स्थिति में, यात्रियों को निकलने में मुश्किल हो सकती है, और भगदड़ मचने का खतरा भी बढ़ जाता है।वैसे तो पूरी बस में यात्रियों को खड़ा करके यात्रा कराई जाती है लेकिन ड्राइवरों के केबिन की स्थिति इतनी खतरनाक होती है कि कभी कोई हादसा हो तो ड्राइवर के साथ साथ 15 से 20 यात्रियों को जान का खतरा होता है।क्योंकि बस में जब खड़े रहने की जगह नहीं होती तब ड्राइवर सीट ओर उसके केबिन में 15 से बीस यात्री भर दिए जाते है।
स्वास्थ्य:
भीड़भाड़ वाले वातावरण में, बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।जबकि कोरोना को लेकर लगातार खबरें सामने आ रही है।
प्रशासनिक हस्तक्षेप:
परिवहन विभाग को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और बसों में यात्रियों की संख्या को सीमित करना चाहिए।लगातार जांच करना चाहिए लेकिन वह आंखों पर पट्टी बांध कर चुप है।
बस ऑपरेटरों पर जुर्माना:
बस ऑपरेटरों को अधिक यात्रियों को भरने के लिए दंडित किया जाना चाहिए।
यात्रियों को जागरूक करना:
यात्रियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और बसों में ठूंसकर भरने से बचना चाहिए।
अतिरिक्त बसों का संचालन:
यदि आवश्यक हो, तो परिवहन विभाग को अतिरिक्त बसों का संचालन करना चाहिए ताकि यात्रियों को समायोजित किया जा सके।यह एक गंभीर समस्या है और इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
बसों को लेकर शिकायत पता चली तो एट लास्ट समूह के डायरेक्टर जप कुमार ने आम यात्री बनकर शिवपुरी से ग्वालियर के लिए बस से यात्रा करने की ठनी।इसके लिए पहले शिवपुरी बस स्टैंड पहुंचे फिर ग्वालियर तक यात्रा के लिए बस क्रमांक MP07 P 3286 में बैठे।बस कंडक्टर ने टिकट के पैसे लिए लेकिन टिकिट नहीं दिया।पूछा तो बोला गया कि यहां ऐसा ही है...नहीं चलना हो तो उतरो। शिवपुरी से ग्वालियर आने तक बस को 38 जगह पर सवारी भरने के चक्कर में रोका गया ।सड़क पर चाहे जहा रोक कर गाड़ी के कंडक्टर और ड्राइवर ने 55 सीटों की गाड़ी में पूरी सीट फूल होने के बाद 82 यात्रियों को भरा गया।इन यात्रियों में अदला बदली यानी कुछ यात्री अगले पड़ाव पर उतरे तो कुछ अगले पड़ाव पर जाने के लिए बस ने चढ़े।रास्ते में थाने भी आए लेकिन किसी ने बस को देखा या चेक नहीं किया।इसका विरोध जताया तो बीच में उतरने की धमकी दी।इस बीच फोटो ओर वीडियो बनाकर जप कुमार ने अपने कर्तव्य को पूरा करने की कोशिश की।