नोएडा के फर्जी कॉल सेंटर से 16 युवक और 2 युवतियाँ गिरफ्तार ,कई विदेशी नागरिकों से की ठगी

नोएडा।नोएडा पुलिस और क्राइम टीम ने सेक्टर-63 में एक फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा है।इस सेंटर गूगल ऐप के जरिए विदेशी नागरिकों का निजी डाटा खरीदकर उनके कंप्यूटर में वायरस भेजाते थे फिर वायरस को तकनीकी सहायता से दूर करने का झांसा देकर अमेरिकी नागरिकों को ठगते थे। उन्होंने एक हजार से अधिक लोगों से ठगी की। इस फर्जी कॉल सेंटर से 16 युवक और 2 युवतियाँ गिरफ्तार किया गया है।

    नोएडा के थाना फेस-3 पुलिस और क्राइम रिस्पॉन्स टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है।पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं समेत कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।आरोपी सेक्टर-63 में एक फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे।यह गिरोह गूगल ऐप के जरिए विदेशी नागरिकों का निजी डाटा खरीदता था, फिर उनके कंप्यूटर में वायरस भेजकर उन्हें कॉल करता था।खुद को माइक्रोसॉफ्ट टेक्निकल सपोर्ट का एजेंट बताकर आरोपी अल्ट्रा व्यूअर या टीम व्यूअर जैसे रिमोट ऐप्स डाउनलोड करवाते थे, जिससे वे पीड़ित के सिस्टम का कंट्रोल ले लेते थे।इसके बाद पीड़ित को डराया जाता था कि उसका बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड या निजी डाटा हैक हो गया है।जब पीड़ित इन बातों की पुष्टि करने में जुटता तब आरोपी स्क्रीनशॉट ले लेते और मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर फिक्सिंग के नाम पर जीले ऐप, बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से मोटी रकम वसूलते थे। आरोपियों के पास से 23 लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन, 27 चार्जर, 23 माउस, 17 पेन ड्राइव और फर्जी माइक्रोसॉफ्ट आईडी कार्ड बरामद किए गए हैं।कॉल सेंटर से जुड़ी डिजिटल डिवाइसेज की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है।इस गैंग के सरगना ध्रुव अरोड़ा, आकाश तिवारी, आकाश कुमार, तरुण कुमार, मयूर नायक, गुरविंदर सिंह, मयवो, सौरभ चंद्रा, प्रत्युमन शर्मा, गौरव जसरोटिया, कुनाल राजवंशी, दिव्यांश भडाला, अपूर्व सिंह, मोहम्मद फैजुल, अस्मीत सिंह, हरमन प्रीत सिंह, रितु राजपूत और सुकृति सिंह को गिरफ्तार किया गया। ज्यादातर आरोपी दिल्ली और हरियाणा के रहने वाले हैं।