गुरू-शिष्य परंपरा से ध्रुपद सीखने का सुनहरा अवसर ,जिले के ध्रुपद केन्द्रों में प्रशिक्षण के लिये 30 सितम्बर तक आवेदन मांगे
ग्वालियर। गुरू-शिष्य परंपरा से शास्त्रीय संगीत की पहली विधा ध्रुपद सीखने का ग्वालियर जिले के विद्यार्थियों के लिये सुनहरा अवसर है। राज्य शासन के संस्कृति विभाग से संबद्ध उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा व ग्वालियर एवं बेहट में संचालित ध्रुपद केन्द्रों में प्रशिक्षण के लिये आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन पत्र 30 सितम्बर तक ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
ध्रुपद गुरू अभिजीत सुखदाणे ने बताया कि ग्वालियर में रामाजी का पुरा स्थित हस्सू-हद्दू खाँ सभागार में संचालित ध्रुपद केन्द्र में 30 सितम्बर तक आवेदन पत्र प्रस्तुत किए जा सकते हैं। साथ ही ईमेल एड्रेस dhrupadexponent@gmail.com पर भी आवेदन पत्र भेजे जा सकते हैं। इस संबंध में विस्तृत जानकारी अकादमी की वेबसाइट www.kalaacademymp.com एवं ध्रुपद गुरू श्री अभिजीत सुखदाणे (मोबा. 8989826989) से प्राप्त की जा सकती है। ध्रुपद केन्द्र में चयनित विद्यार्थियों की प्रशिक्षण अवधि 4 वर्ष रहेगी और विद्यार्थी को हर माह तीन हजार रूपए शिष्यवृत्ति प्रदान की जायेगी। ध्रुपद केन्द्र में प्रवेश लेने के लिये विद्यार्थी की आयु 14 से 30 वर्ष के मध्य होना चाहिए। साथ ही विद्यार्थी आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हो और शास्त्रीय संगीत का प्रारंभिक ज्ञान हो।
ध्रुपद गुरू श्री सुखदाणे ने बताया कि ग्वालियर में संचालित ध्रुपद केन्द्र के विद्यार्थियों द्वारा अब तक देश के 70 से अधिक शहरों में अपनी एकल एवं सामूहिक प्रस्तुतियां दी जा चुकी हैं।