इंदौर।इंदौर के सबसे बड़े सरकारी एमवाय अस्पताल की शर्मनाक लापरवाही के चलते एनआईसीयू में भर्ती एक और नवजात की बुधवार को मौत हो गई।सोमवार को चूहों ने इस नवजात शिशु के चूहों के हाथ-पैर कुतरे थे। इससे पहले मंगलवार को भी एक नवजात की मौत हुई थी।हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने चूहे के काटने से मौत होने की बात से इनकार किया है।
देवास की रहने वाली रेहाना का नवजात शिशु की भी मौत हो गई।सोमवार को एनआईसीयू में भर्ती इस नवजात शिशु के हाथ ओर पैर चूहों ने कुतर दिए थे। परिवार ने बच्चे का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है। वे शव को लेकर रवाना हो गए।वहीं मंगलवार को जिस बच्चे की मौत हुई थी वह खंडवा के पास एक गांव की रहने वाली लक्ष्मीबाई का है। उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आना बाकी है।हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने चूहे के काटने से मौत होने की बात से इनकार किया है। डॉक्टर का कहना है कि बच्चे की मौत इंफेक्शन से हुई है।बता दे कि इससे पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डीन से स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले में दो नर्सिंग ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया और अन्य को शोकॉज नोटिस दिया है। मामले की जांच के लिए हाईलेवल कमेटी बनाई गई है।
मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
मानव अधिकार आयोग ने चूहों के कुतरने से हुई नवजात बच्चों की मौत को संज्ञान लिया और अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर एक महीने में जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
मामला गंभीर: उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इस मामले को गंभीर माना है, और कहा कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई हुई है।
कल भी हो चुकी है एक मौत,पढ़े खबर
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