ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को हजारों स्वयंसेवकों ने 29 स्थानों से घोष की ध्वनि पर उत्साह के साथ कदमताल करते हुए पथ संचलन निकाले।इसके साथ ग्वालियर किले से पहली बार पथ संचालन निकला। इस दौरान राहगीरों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा का उनका आत्मीय स्वागत किया।
लश्कर क्षेत्र के आनंद नगर बस्ती का पथ संचलन ऐतिहासिक मान मंदिर (ग्वालियर किला) से पहली बार निकला। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संघ के ग्वालियर विभाग प्रचारक ललित कुमार थे। अध्यक्षता गरगज नगर संघचालक मानसिंह जादौन ने की। इसी तरह नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 29 स्थानों से पथ संचलन निकालकर शस्त्र पूजन किया गया। विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संस्कृति कण-कण में ईश्वर का वास मानने वाली है। हम जड़-चेतन सभी में ईश्वर का वास मानते हैं। पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, पर्यावरण, स्व का भाव, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य पालन का बोध) के माध्यम से ही भारत सशक्त बनेगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में संघ कार्य की शुरुआत 1938 में प्रचारक नारायण राव तर्टे ने की थी। इसके लिए डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ने उन्हें प्रवास व्यय के लिए 5 रुपए देकर भेजा था। आज संघ कार्य निश्चित रूप से बढ़ा है, लेकिन डॉ.हेडगेवार ने सशक्त और विकसित राष्ट्र के लिए जो सपना देखा था वह आज भी पूरा नहीं हुआ है। इसलिए संघ शताब्दी वर्ष में सभी को इस दिशा में प्राण प्रण से जुट जाना चाहिए।
मुस्लिम समुदाय की पुष्प वर्षा
मुस्लिम समुदाय ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पथ संचलन के दौरान अवाड़पुरा क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द की एक मिसाल देखने को मिली। पथ संचलन जब यहां मस्जिद के सामने पहुंचा, तब वहां उपस्थित मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।